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Showing posts from April, 2010

भदावर - महाभारत काल

भदावर - महाभारत काल में प्राचीन भद्रावर्त राज्य था । महत कांतार (हतकांत) विंध्याटवी (अटेर) तथा विंध्यकानन (भिंड) इसके एतिहासिक साक्षी हैं । पांडव काल में भद्रावर्त राज्य एक समृद्ध गणराज्य था । यहाँ के क्षत्रिय विपुल साधन सम्पत्र थे यहाँ के राजकुमार बहुत सा रत्न धन सुवर्ण लेकर युधिष्ठर यज्ञ में उपस्थित हुए थे और उसे यज्ञ की भेंट किया । अथर्वद के गोपाल तापिनी उपनिषद में गोपाल के प्रिय दो बनों में भद्रवन का उल्लेख है जो यमुना के तट पर था । द्वेबने स्त: कृष्णवनं भद्रवनं- पुण्यानि पुष्य तमानि तेष्वेव देवा स्तिष्ठन्ति सिद्धा: सिद्धिं प्राप्ता: ई वेदों के अनुसार- 'भदंकर्णेभि श्रृणुयाम देवा:' - देवों की वाणी "भद्रश्रव" भदावर की बोली थी । “मथुरामंडल में बसै, देश भदावर ग्राम। ऊखल तहाँ प्रसिद्ध महि, क्षेत्र बटेश्वर नाम।।