भारत रत्न से सम्मानित श्री अटल विहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर सरकार के विकास कार्यक्रमों की उपेक्षा का शिकार हुआ है बटेश्वर में उनके पैतृक घर की दशा हमारी उदासीनता को दर्शाती है । घाघ राजनेता और वक्ता पूर्व प्रधानमंत्री स्ट्रोक से अक्षम है और दिल्ली के कृष्णा मेनन मार्ग बंगले तक ही सीमित है। उनका जन्म ब्रिटिश भारत के ग्वालियर राज्य में क्रिसमस के दिन हुआ था। अटल विहारी वाजपेयी और उनके बड़े भाई प्रेम बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत में विक्टोरिया कॉलेज में छात्र थे। उनके पिता कृष्ण बिहारी ( जिनका परिवारिक नाम गौरी शंकर था ) एक स्कूल शिक्षक थे जो बाद में स्कूलों के एक निरीक्षक बने और किसी भी आंदोलन में छात्रों की भागीदारी के विरोधी थे, प्रेम विहारी वाजपेयी उसका छोटा भाई अटल विहारी है जो छात्रों के भारत छोड़ो आंदोलन से प्रभावित थे। पिता ने अपने बेटों को चेताया और, किसी बहाने इस आंदोलन से दूर करने के लिए, अपने पैतृक गांव बटेश्वर भेज दिया था लेकिन बटेश्वर अब एक शान्त सुरम्य ग्राम नहीं था । बटेश्वर में 1857 ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का लेहर चली थी वो 1942 में फिर
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