होली पर दिल्ली से आई # TeamGearless चम्बल बीहड़ में उतरी और सरोखीपुरा से # चम्बल नदी तक # Trekking की विडियोग्राफी की गयी विडिओ ऑडियो के साथ देखे - चम्बल सफारी की एक झलक ! हथकांत भदौरियों की चार चौरासियों में से एक है अन्य तीन चौरासी अकौडा, कनेरा, मावई है। हथकांत मध्यकाल में रवितनया-जमुना एवं विन्ध्याकुमारी-चम्बल के मध्य विषम खरो, गहन-वन के बीच एक समृद्ध नगर था। जिसे हस्तिक्रान्तिपुरी के नाम से जाना जाता था बाद में ये हथकांत के नाम से जाना गया। हथकांत अपने गहन सघन कान्तारों के लिए प्रसिद्ध रहा है। # महाभारत काल में हथकांत क्षेत्र को ‘महत् कान्तार’ (गहन-वन, अथवा दुर्गम-पथ) कहा गया हैं। यह वीर-प्रसवनी भूमि ऊँचे-नीचे कगारों-टीलों पर प्रकृति की बिछाई हुई विपुल वन-राशि से सुशोभित अति रमणीक और सुहावनी है। भदावर की प्राचीनतम राजधानी हथकांत ही थी, जो पिछले कुछ समय तक, चम्बल नदी तट पर खण्डहर भव्य-भवनों व देवालयों का एक जनशून्य-उजाड़ ग्राम के रूप में दश्यु गिरोहों की आश्रय स्थली बनी रही थी।
Bhadawar - Nostalgic Territory of Bhadauria's History, Culture and News of Bhadawar