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Showing posts from January, 2020

उटंगन नदी किनारे जन्मी भदावर की दास्तान

उटंगन   नदी , यमुना की सहायक नदी है। ये राजस्थान व उत्तर प्रदेश राज्यों में बहती है , धौलपुर ज़िले में इसका कुछ भाग राजस्थान व उत्तर प्रदेश की राज्य सीमा निर्धारित करता है। यह राजस्थान में करौली ज़िले में अरावली पहाड़ियों में उत्पन्न होती है और अंत में जाकर भदावर बाह के रिठाई गांव में यमुना से संगम होता है। पौराणिक कथाओं में महाभारत में अर्जुन के बाण से उत्पन्न राजस्थान की बाणगंगा नदी उत्तरप्रदेश के भदावर बाह के " पड़ावहाट " पिनहाट में उटंगन नदी के नाम से जानी जाती है इस नदी के अन्य नाम है जैसे गम्भीर और घोड़ा पछाड़ नदी भी हैं। उटंगन   नदी   पर   अरनौटा   गांव   में   पुल उटंगन नामकरण   यमुना तथा उटंगन के किनारे का उपजाऊ हिस्सा कछार कहलाता है। उटंगन एक प्रकार की घास होती है , यह घास इस नदी के कछारों में बहुतायत में उत्पन्न होती है जो तिनपतिया के आकार की लगती है पर इसमें चार पत्तियाँ होती हैं। इसका साग भी खाया जाता है , यह