पिनाहट बाजार में एक नाऊ दुकान धरें हतो, वाये ग्राहक सों मजाक करन में विशेष आनंद आत हतो। कोउ बार बनवाने- दाढ़ी छिलवाने बैठो नहीं के वाको मज़ाक शुरू - काये ! तुमाए गाल तौ लाल टिमाटर हेगये, भौजाई ने रात काट लऔ हतो ? अब ग्राहक बेचारा बीच में उठकर जा भी नहीं सकता, सो बेबसी में सहता और चुप रहता। सबको पता है की नाई और पंडित की खूब छनती है व दोनो ही एक दूसरे की चालों को काट भी सकते हैं। एक दिन एक पंडितजी दाढी बनवाने आये पर नाई ने उनका पूरा सिर ही मूड़ दिया, पंडितजी बोले कि चलो रोज-रोज तेल लगाने से फ़ुरसत मिली, मगर जैसे ही पंडित उठने लगे नाई ने चाँद पर टोना मार दिया पंडितजी ने क्रोध को शांत किया और बोले कुछ नहीं और कुछ सोच कर एक अधन्नी अधिक उस नाई को मजूरी देदी, नाई ने पूंछा कि पंडितजी ज्यादा क्यों? पंडितजी बोले के आज बहुत ही अच्छा मुहूरत है, जो भी तेरा टोना खायेगा, उसके तो राजकाज हो जायेंगे। नाई सोच में पड़ गया - ये तो बात ही उल्टी हो गयी, उसने चलते हुए पंडितजी से पूंछा कि, ऐसा समय कब आयेगा, जब मैं जिसके टोना मारूं और वो बरबाद हो जाये। पंडितजी ने भी अपने मन में नाई का अंत सोच...
Bhadawar - Nostalgic Territory of Bhadauria's History, Culture and News of Bhadawar