भ दावर के बाशिंदे बरसो से , पिनाहट - घाट पर एक स्थिर पुल का सपना सँजोये हुए थे , इस सपने में रंग भरने के लिए 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने , चंबल - नदी - पुल की नींव रखी तो भदावर बासियों को विकास की रौशनी की आशा थी , पर लगभग 25 साल बाद भी कोई कार्य नहीं हुआ है। पिनाहट - पुल का निर्माण मध्य - प्रदेश , उत्तर - प्रदेश एवं केन्द्र - सरकार की साझा परियोजना है , कई बार पुल निर्माण केलिए सर्वेक्षण हो चुके है , लेकिन सेतु - निर्माण अधर में लटका रहा है। चंबल घाटी के वाशिंदे , पुल - निर्माण के सपने पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं। मामले के तथ्यों को देखा जाये तो , क्षेत्र के लोगों के साथ धोखा किया गया हउन्हे हर चुनाव के समय " हवाई - पुल " परोसा जाता रहा है ।
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