भदावर गौरव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बीहड़ में स्थित बटेश्वर है। 101 साल पहले अंग्रेजों ने एक रुपए का नुकसान होने की वजह से अटल जी के गांव तक ट्रेन का संचालन रोक दिया था। अंग्रेजो ने इटावा से आगरा के लिए बटेश्वर गांव के पास छोटी लाइन का ट्रैक बिछाया था, लेकिन इस रूट पर ट्रेन चलाना अंग्रेजों को महंगा पड़ रहा था। कहा जाता है कि एक रुपए के नुकसान की वजह से अंग्रेजों ने इस रूट को बंद कर दिया था।
अंग्रेजों को आर्थिक नुकसान की वजह से यह रूट ही बंद करना पड़ा था, जानकार बताते हैं, उस समय बीहड़ के डकैत अंग्रेजों के खिलाफ थे। अंग्रेज ट्रेन से ही अपना खजाना एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करते थे। ऐसे में डकैतों की नजर इसपर रहती थी यही वजह थी की अंग्रेजों ने इटावा-आगरा वाया बाह-बटेश्वर की छोटी लाइन को बंद कर दिया और फिरोजाबाद और टूंडला के रास्ते नै रेलवे लाइन बिछाई, जिस कारन से ये बीहड़ विकाश से अछूता रह गया।
#Bateshwar #Bhadawar #ChambalSafari
अंग्रेजों को आर्थिक नुकसान की वजह से यह रूट ही बंद करना पड़ा था, जानकार बताते हैं, उस समय बीहड़ के डकैत अंग्रेजों के खिलाफ थे। अंग्रेज ट्रेन से ही अपना खजाना एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करते थे। ऐसे में डकैतों की नजर इसपर रहती थी यही वजह थी की अंग्रेजों ने इटावा-आगरा वाया बाह-बटेश्वर की छोटी लाइन को बंद कर दिया और फिरोजाबाद और टूंडला के रास्ते नै रेलवे लाइन बिछाई, जिस कारन से ये बीहड़ विकाश से अछूता रह गया।
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