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भदावरी पकवान : भसूंडे की सब्जी




भदावर में, कमल-गट्टों की जडे, भंसूडे कही जाती है, भसूंडे (कमल-ककडी) की सब्जी, श्रावण के महिने में बहुत अच्छी लगती है, भदावर में तो ये लोकप्रिय रही है एक पुरानी कहावत मश्हूर है “कमला के बाग में कमलगटा, कमला ठाडी लहें लठा ॥ “ अर्थात: किसी के घर पर कोई फ़सल अच्छी हो जाती थी, और दूसरों के घर पर वह फ़सल नही होती थी, तो अक्सर गांव में एक दूसरे से मांग कर अपना काम चलाया जाता है, लेकिन किसी-किसी के घर का एक दाना भी बाहर नही जा सकता था, क्योंकि उस घर की मुखिया औरत हमेशा पहरेदारी में रहती थी, इस स्थिती के लिये कहावत कही जाती थी,यानी कमला के बाग में कमलगट्टे हैं, लेकिन उन कमलगट्टों को लेकर कैसे आयें वहां तो कमला लट्ठ लेकर खडी है। भदावर में तालाब सूखने पर बड़ी मुश्किलों से खोदी गई भसूडो की जड़ो को लोगो के कमजोरिया खोदने के आदत से भी जोड़ा जाता है और कहा जाता है "भसुंडी करबो छोड़ देओ"

अध्यात्म व् ज्योतिष में भी कमल-गट्टों, कमल-ककड़ी का खासा महत्व रहा है, शुक्रवार, दीपावली, नवरात्रि या किसी देवी उपासना के विशेष दिन कमलगट्टे की माला से अलग-अलग रूपों में लक्ष्मी मंत्र जप देवी लक्ष्मी की कृपा से धन, ऐश्वर्य व यश पाने, कामनासिद्धि व मंत्र सिद्धि का अचूक उपाय माना गया है, आपने बड़े-बूढ़ों को यह कहते हुए सुना होगा लक्ष्मी को कमल पर आसीन माना गया है। हल्दी की गाठों में साक्षात गणेश का रूप माना गया है और धनियां को इसलिए इस नाम से पुकारा जाता है क्योंकि वह धन का आवाह्न करता है। कारण चाहे जो भी हो लेकिन यह बिल्कुल सही है, कमलगट्टे की भदावरी सब्जी में ये तीनो लक्ष्मी को प्रिय वस्तुओं का प्रयोग होता है जिस घर में नमक, खड़ा-धना, हल्दी की गांठे और कमलगट्टों को भले ही कम मात्रा में ही सही लेकिन कुछ मात्रा में संजोकर रखा जाए तो निश्चय ही उस घर में बरकत होती है। वहां शांति बनी रहती है।

आयुर्वेद के अनुसार कमल-गट्टों, कमल-ककड़ी विटामिन बी और सी का बहुत ही अच्छा स्नोत है, इसमें पोटैशियम, कॉपर, फॉसफोरस, मैगनीज और आयरन भी पाया जाता है। इतना ही नहीं, इसमें कैलशियम, जिंक और मैगनीशियम भी पाया जाता है। यह खून की कमी से होने वाली बीमारी एनिमिया से भी हमारी रक्षा करता है और रक्त कण के विकास में भी कारगर साबित होता है। मधुमेह (डायबिटीज) में भी लाभ होता है। ककड़ी के बीज, कमल, ककड़ी, जीरा और शक्कर को बराबर मात्रा में लेकर 2 ग्राम की मात्रा में रोजाना सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया) में लाभ होता है। कमल ककड़ी को तल कर हम चिप्स और सब्जी तो बनाते हैं ही लेकिन इसका अचार भी बहुत अच्छा होता है।आप सब सोच रहे होगे के में एक सब्जी को लेकर लोकव्यवहार, अध्यात्मा, ज्योतिष और, आयुर्वेद पर लेक्चर पेल राह हूँ तो भाई साहब इस सब्जी की विधि तो आप को कोई भी बता देता पर वो सब नहीं जो ऊपर बताया गया है।


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