राजा बदन सिँह ने अपने दूसरे पुत्र भगवत सिँह को 12 गाँव की जागीर दी जो नौगवां व चित्रा के कुवँर कहलाये इन्हीँ के द्धारा नौगवां मेँ एक बड़ी गढ़ी का निर्माण कराया गया कालान्तर मेँ भिण्ड तथा अटेर पर सिन्धिया ने छल से अधिकार कर लिया तथा राजा प्रताप सिँह के अधिपत्य मेँ केवल बाह तहसील का भूभाग रह गया चम्बल नदी तक इनकी सीमा रही तो राजा प्रताप सिँह ने नौगवां निवास किया नौगवां गढ़ी को विस्तारित करवा के किले का रूप दे दिया इसमेँ कई झरोखे व बुर्ज बनवा कर भव्य रूप प्रदान क िया तब से उनके उत्तराधिकारी उस समय तक निरन्तर नौगवां किले मेँ निवास करते रहे जब तक कि भदावर हाउस आगरा मेँ उन्होँने निवास प्रारम्भ नहीँ किया वर्तमान भदौरिया राजा अरिदमन सिँह जी नौगवां आते रहते हैँ एवँ प्रतिवर्ष दशहरा उत्सव सम्पन्न कराने अवश्य आते हैँ दशहरा त्योहार पूर्व की ही भाँति मनाया जाता है किले के पूर्व ओर भदौरिया राजाओँ के स्मारक बने हुए हैँ सभी मूर्तियाँ सफेद चमकीले सँगमरमर से निर्मित हैँ अतः बहुत मनोहारी हैँ किला परिसर मेँ एक विशाल तोप प्राचीर के पास रखी है किला देख...
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